All right, before people label me as a forlorn lover, I am not! So read this as an artistic creation as compared to a 'felt' one :P
सोचता तो था की शायद उसको याद करता हूँ
पर अहसास अब कुछ कम होता है
कुछ समय पहले चाहता तो उसे बहुत था
पर महसूस अब थोडा कम करता हूँ
कहीं से कुछ कम हुआ है या खुद ही ख़त्म हो रहा हूँ
पर कुछ बातों को याद करके मायूस अब थोडा कम होता हूँ
सूरज को देखने की आदत तो नहीं पड़ी है,
पर चाँद को अब कभी कभी ही देखता हूँ
किसी और का नाम तो नहीं आया है अभी जुबां पे,
पर उसका नाम ज़रूर कम लेता हूँ
देर रात तक जागना तो अभी शुरू नहीं किया है,
पर रात में अभी भी कम सोता हूँ
आँखें अभी तक सूखी तो नहीं है
पर शायद अब थोडा कम रोता हूँ..